नमस्कार बिना बकवास किए सीधे आते हैं मुद्दे की बात पर।
मैं ये ब्लॉग आज तारीख 221/04/2021 को लिख रहा हूं।जैसा कि आपको समझ आ ही रहा होगा, corona संक्रमण की स्तिथि अति गंभीर होती जा रही है। अगर अब भी आप सरकारों से आशा लगाए हुए हैं या corona को मज़ाक में ले रहे हैं तो सायद आप गलती कर रहे हैं। कल मैंने प्रधानमंत्री श्री मोदी जी का राष्ट्र के नाम संबोधन सुना। मैं 20 मिनिट के उनके भाषण का सार इस रूप में निकालता हूं " आप अपना अपना देख लीजिए सरकारें कुछ बड़ा प्रयास करने में असमर्थ है"। तो समझ लीजिए अपनी सुरक्षा अपने हाथ ही है अब।
बस इसी सुरक्षा के विषय में चर्चा के लिए मैं ये लिख रहा हूं।
देखिए सबसे पहली बात कि यह बदलता मौसम है। ऐसे मौसम में कोविड के पहले भी हमेशा से जुकाम बुखार फैलते रहे हैं। और ऐसे में ही corona भी फैला हुआ है। लक्षण दोनों के मिलते जुलते ही हैं। कहने का मतलब हर जुकाम बुखार corona नहीं है और सभी जुकाम बुखार सिर्फ जुकाम बुखार नहीं है अतः लक्षण होने पर न तो panic हों और न ही लापरवाह।
आप महसूस कर भी रहे होंगे कि आज हर घर में एक न एक सदस्य बुखार में पड़ा हुआ है।
तो फिर ऐसे में करना क्या चाहिए??
1. corona test कराने जाएं या चुपचाप इसे सामान्य जुकाम बुखार मानकर ठीक होने का इतज़ार करें?
तो देखिए भईया इसमें मुख्य बात ये है कि मान लीजिए कोई व्यक्ति लक्षण होने पर टेस्ट कराने जाता है और रिपोर्ट पॉजिटिव आती है।
चूंकि आपके लक्षण गंभीर नहीं हैं तो आपको होम क्वारांटाइन कर दिया जाएगा और कुछ जरूरी दवाई दी जाएगी।
तो ये होम क्वारंटाइन तो आप खुद ही खुद को कर सकते थे। दूसरी ओर अगर आप अस्पताल की ओर रुख करते हैं तो वहां बेड नहीं, बेबसी है।
देखभाल नहीं लूट है।
इलाज नहीं कालाबाजारी है।
आधा तो मरीज अस्पताल के कॉविड वार्ड पहुंचकर hope खो देने से गंभीर बीमार ही जाता है।
हां अभी आप सोच रहे होंगे कि अस्पताल इसलिए जाना चाहिए क्योंकि वहा एक अमृत रूपी दवाई है रेमडेसिविर तो सुन लीजिए न किसी के आंख का नूर थी न किसी के दिल का करार थी, जो किसी भी बीमारी में काम न आ सकी वो दवा बेकार थी।
लूट के बाज़ार में ये दवा कम और कालाबाजारी का मोहरा ज्यादा है।
और ये बात मैं नहीं कह रहा खुद केंद्र सरकार कह चुकी है। ये दवा सिर्फ कुछेक मामलों में corona संक्रमण में उपयोगी हो सकती है और पक्के तौर पर है ही इस बात के भी पुख्ता सबूत नहीं हैं।
और भई टेस्ट कराने क्यों ना जाएं? भला इसमें क्या नुकसान?
तो सुनो इसमें नुकसान नहीं खतरा है खतरा। आज अधिकतर टेस्ट सेंटर पर भारी भरकम भीड़ है। तो ऐसे में टेस्ट सेंटर खतरे से खाली नहीं हैं। और कुछ टेस्ट सेंटर पर तो सारे के सारे टेस्ट पॉजिटिव आ रहे हैं। मुझे नहीं पता इसके पीछे का सच क्या है। अब इतनी बातें तो हो गई अब सवाल आता है कि करना क्या है फिर?
1. लक्षण आने पर तत्काल घर पर ही अलग कमरे में खुद को आइसोलेट कर लें और किसी को पास न आने दें। खाने पीने नहाने धोने के वक़्त भी इस प्रोटोकॉल का पालन करें।
2.चूंकि आप सोशल मीडिया पर इस संदेश को पढ़ रहे हैं तो माना जा सकता है कि आपके पास स्मार्टफोन तो है ही। अपने स्मार्टफोन में ऑनलाइन डाॅक्टर परामर्श ऐप ( जैसे - docon, practo, mfine, 1mg, apollo 247 आदि ) डाउनलोड करें और डाॅक्टर से वीडियो कॉल पर परामर्श लें। अगर आप गांव में रहते हैं तो झोलाछाप डॉक्टरों से बचें। ऑफलाइन दिखाने भीड़ भाड़ बाले क्लीनिक और सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में न जाएं।
3. डॉक्टर के परामर्श अनुसार दवाइयां लें। सरकारी स्वास्थ्य विभाग के द्वारा होम क्वारेंटाइन प्रोटोकॉल के तहत कुछ दवाइयां बताई गई हैं जिनके बारे में मैं आपको सूक्ष्म जानकारी देता हूं।
1. टैबलेट Azithromycin 500mg
यह दवाई macrolides क्लास की antibiotic medicine है जो बैक्टीरिया(जीवाणु) के प्रोटीन संश्लेषण को रोककर उसे नष्ट करती है।यह दवाई काफी पॉपुलर है आसानी से मेडिकल स्टोर पर जेनेरिक अथवा ब्रांड नेम दोनों से मिल जाती है। चूंकि कोविड़ 19 एक वायरल डिजीज है और आपने ठीक सुना है कि एंटीबायोटिक्स वायरल डिजीज पर काम नहीं करती है तो फिर यह एंटीबायोटिक्स क्यों?
इसके दो कारण हैं
पहला ये दवाई रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट एवं फेफड़ों के बैक्टीरियल इनफेक्शन में अच्छे परिणाम देती है और covid 19 का प्रभाव भी यहीं है अतः ऐसे में वायरस के प्रभाव के चलते बैक्टीरिया को भी अटैक करने के लिए अनुकूल कंडीशन मिल जाती है और बॉडी के इम्यून सिस्टम पर डुअल pathagons का लोड हो जाता है और इम्यून सिस्टम का corona पर डिफेंस कमजोर हो जाता है Azithromycin देने पर इम्यून सिस्टम का पूरा डिफेंस कोरोना पर रहेगा ।
दूसरा कारण है कि यदि आपको को covid 19 और वायरल फीवर दोनों ही नहीं है और आप केवल लक्षणों के आधार पर ही self-quarantine है तो हो सकता है कि बैक्टीरियल इनफेक्शन के चलते ही फीवर हुआ हो तो ऐसी में भी azithromycin बेस्ट रिजल्ट देगी।
2.टैबलेट multivitamin
इस कैटेगरी में zincovit, supradyn, cobadex या इसके जैसे ही कोई भी मेडिसिन ली जा सकती है
*3.Cetrizine 10mg*
यह दवाई सेकंड क्लास anti -histamine दवाई है जो एलर्जी जैसे की नाक से पानी बहना, खुजली होना, आंख से आंसू आना, urticaria जैसी कंडीशन में प्रयोग में ली जाती है इसे रात में सोने से पहले लें। यह दवाई अच्छी नींद देने में भी मदद करती है क्योंकि यह mild sedative property रखती है।
*4. Paracetamol 500mg* यह दवाई एंटीपायरेटिक पेन किलर तथा माइल्ड anti-inflammatory प्रॉपर्टीज रखती है, सीधी बात बुखार उतारती है। वजन ज्यादा है 650mg तक दिन में दो बार या तो बुखार होने पर ली जा सकती है। बाजार में Kalpol 500/650 Paracip 500, P-500/650, crocin 500/650, dolo आदि नाम से भी उपलब्ध है इसके स्थान पर कोई भी NSAID क्लास की कॉन्बिनेशन वाली PARACETAMOL ना लें जैसे कि
Combifalm (ibuprofen+PCM)
Diclomin (diclofenac +PCM)
Zerodol P (acelofenac + pcm)
Nimsaid P/sumo ( nimesulide +PCM)
ये Nsaid combination बाली दवाई नहीं लेनी है क्योंकि यह सब pain के साथ fever को ध्यान में रखकर बनाई गई होती है इसमें paracetamol की मात्रा सिर्फ 325mg ही होती है साथ ही ये stomach में ulcer creat कर सकती है जो कि paracetamol नहीं करती है।
*4. टेबलेट Ranitidine 150mg*
यह PPI inhabitor दवाई है जो stomach में hcl के प्रोडक्शन को कम करती है और हाइपर एसिडिटी को कम करती है ताकि अन्य दवाइयां stomach में पहुंचकर अच्छे से अपना काम कर सकें। बाजार में मोस्ट पॉपुलर Aciloc 150 के नाम से यह दवाई मिलती है। आजकल PPI के लिए Pantoprazole/Rabeprazole/Omeprazole अधिक पॉपुलर है और यह अधिकांशता Dompiriodone (उल्टी चक्कर की ड्रग) के साथ कॉन्बिनेशन में आती है लेकिन यह दवाई रेनिटिडिन से 10 गुना तक महंगी आती हैं। पीपीआई ड्रग्स का प्रयोग सुबह खाली पेट दिन में एक बार करने से अच्छे परिणाम देता है।
*5. Zinc 20mg*
यह मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है यह इम्यूनिटी बनाने में बहुत महत्वपूर्ण है याद रखिए यदि मल्टीविटामिन की टेबलेट ली है तो देख लें उसमें भी zinc हो सकती है क्योंकि जैसे कि zincovit टेबलेट में 10mg जिंक होती है ऐसे में सिंपल zinc टेबलेट 10mg ले क्योंकि इसका सेवन 20 मिलीग्राम प्रति दिन या वजन अधिक है तो इससे ज्यादा भी कर सकते हैं।
*6. टेबलेट vitamin C 1000mg*
विटामिन सी इम्यूनिटी बढ़ाने में सबसे बड़ा हथियार है मेडिकल स्टोर पर Limcee टैबलेट के नाम से मिलती है।
*7. Tablet calcium*
इसके अलावा कुछ और दवाइयां जैसे Ivermectin 12mg, oseltamivir 75mg, आदि सिर्फ रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर ही डॉक्टर के सुपरविजन में लेनी है।
और इसके अलावा और क्या ले सकते हैं
1. सर्जिकल मास्क अधिक से अधिक समय के लिए प्रयोग करें। यह मास्क सस्ते भी होते हैं और अच्छे भी।
2. एक डिजिटल थर्मामीटर लेकर रख सकते हैं।
3.एक पल्स ऑक्सीमीटर भी लेकर रख सकते हैं।
4. नेचुरोपैथी भी एक अच्छा रोल निभाती है ज्यादा से ज्यादा पानी नींबू पानी पिए खट्टे फल खाएं।
5.सुबह जल्दी उठकर छत पर ही टहलें और सुबह की हवा ले, एक्सरसाइज करें।
6. सुबह तुलसी एवं नीम की दो दो पत्तियों का सेवन करें।
7. हेल्दी नाश्ता ले पेटभर नाश्ता करें। रात का खाना कम लें और समय पर सो जाएं
8. सबसे जरूरी बात डरे नहीं चिंता ना करें सकारात्मक रहे
थैंक यू।