कुछ तो है, जो मिला नहीं
कुछ तो है, जो पाना नहीं
लेकिन... नजाने क्या है उनमें ऐसा,
के उनके बिना एक पल भी हमें जीना नहीं!
ख़याल आए तो आए भी क्या?
मेरा तो वक़्त भी उनके हाथ...
आंखें क्यों नम, मेरे होठो प वो गम;
खुश रहना भी जैसे एक सजा...
नजाने क्या है उनमें ऐसा!
जो कल साथ थे वो आज साथ नहीं....
मुझे कभी प्यार करने वालें, आज मैं उन्हें याद नहीं!
सच कहते थे लोग,
खुद को यूँ न तोड़
ये प्यार भी धोखेबाज़ों से कम नहीं!
कहने को तो किताबें उनके,
लेखक वो बने,
और हम..?
उनके छोड़े गए वो पन्ने...
जो लोगों में यूं ही बिक गए!
लेकिन हम भी तोह उनसे कम नहीं
उनके बिना हमनें भी तो जीना छोरा नहीं!
यूँ तो एक एहसास है
प्यार में आज भी कुछ तो ख़ास है...
हाँ, गम में लपेटे खुशियों की बारिश,
मन तो है कुछ यादों को समेटने की ख्वाहिश...
पर नाजाने क्या है उनमें ऐसा,
के उनके बिना आज भी हमें जीना नहीं!