१४-जुलाई-१९११ में जेनेट्टी नामक कंपनी ने ये अनाउंस किया के ये कंपनी ने एक न्यू मोडल ट्रैन को लॉन्च किया हे और १०६ रेगुलर कस्टमर्स को फ्री राइड देने का ऑफर दिया , और इसको सब ने साइनअप किया राइड एन्जॉय करने के लिए ट्रैन स्टार्ट हुवा सब ग्रीनरी एन्जॉय करने लगे फिर बिच में एक टनल आया लोम्बार्डी टनल और नॉर्मली ट्रैन उस टनल में घुसा मगर दूसरे एन्ड से कभी वो वापस नहीं निकला रेलवे वर्कर्स और पुलिस ने पूरा घटना स्थल छान मारा लेकिन ट्रैन का एक भी पीस,सिर्फ उस टनल में ही नहीं पुरे रेल लाइन में बोहोत दूर तक कही भी नहीं दिखा, नाही १०४ पैसेंजर्स का कुछ पता चला, १०६ पैसेंजर्स थे लेकिन २ पैसेंजर्स मिले बेहोशी की हालत में उन्होंने ये कहा , ट्रैन जब धुवे में जाने लगी तब हम लोग कूद गए , हुवा ये था की उन्होंने कहा की ट्रैन के जस्ट आगे उन्होंने देखा के काला और सफ़ेद धुवा आने लगा हे , और उन्होंने देखा की ट्रैन जैसे आगे बढ़ रही हे उन्हें कुछ अजीब सा फील हो रहा हे उन्हें बहार की दुनिया में कभी पेड़ दिख रहे हे कभी एक अजीब तरीके का बिल्डिंग दिख रहा हे जिसे आज के ज़माने में हम लोग स्काय स्क्रेपर कहते हे , एक टाइम स्लीप गलीच की तरह और सारे पैसेंजर्स को एक हमिंग साउंड का धुन सुनाई देने लगा ऐसा लगा यूनिवर्स में कोई गलीच हो रहा हे , और उन्हें ऐसा लग रहा था के जैसे वो स्मोक जो हे वो ट्रैन को निगल रहा हे , और इसलिए में कूद गया और मेरे साथ के व्यक्ति भी कूद गए ये बताया उन्होंने , और हम लोग ज़मीन पर ज़ोर से गिरे और यही लास्ट चिज़ हे जो हमे याद हे , वो दोनों पैसेंजर्स बिलकुल सदमे में थे और ट्रीटमेंट के बाद ही आखिर में ये बात उन्होंने बताई, पहले नहीं बताया था सदमे के चलते , फिर ये पता चला की इतिहास में साल १८४० में ऐसा हो चूका था की १०४ पैसेंजर्स जो हे वो अचानक से एक साइकाट्रिक हॉस्पिटल में आये थे चोट की हालत में और सब का दिमागी हालत ठीक नहीं था और वो सब ये कह रहे थे के हमसब ट्रैन से आये हे लेकिन वो डिटेल नहीं बता पा रहे थे उनको ठीक से कुछ याद नहीं था तो मतलब इस घटना के होने के पहले ही ये हो चूका हे ,क्योकि की यही घटना का टाइम ट्रावेल के चलते यही इंसान वहा पे पोहच गए थे , १८४० में मेक्सिको में वो डॉक्टर ने कहा के सब इंसान सदमे में लग रहे थे और एक पैसेंजर्स के पास सिगरेट बॉक्स भी था जिसमे १९०७ का मैनुफैक्टरिंग तारीख था जो ट्रैन था उसका १९११ में घटना हुवा और वही सिगरेट बॉक्स १८४० में मिला ठीक १०४ इटालियन पैसेंजर्स के साथ जो के ये क्लेम कर रहे थे के हम ट्रैन से आये हे लेकिन हमे पता नहीं के हमारे साथ क्या हुवा हे ( धिस इस ध अनसोल्व मिस्ट्री )