जब मेरे मम्मी पापा ने मुझे मामाजी के पास पढ़ने भेज दिया बहाँ पर मेरी दीदी और मैं एन -सी के जी में पढ़ने लगी जब मैं स्कूल जाती थी तो दीदी मेरे साथ जाती थी दीदी पढ़ने में कुछ तेज थीं ,तेज तो मै भी थी लेकिन डर की वजह से जो आता था वह नहीं बताती थी क्योंकि वहाँ की मैडम बहुत तेज थी । मैडम ब्लैक बोर्ड पर लिखती थी और बाद में पूछती थी सब कुछ पता होने के बावजूद भी मैं डर की बजह से नही बताती थी ।मेरे स्कूल का नाम अनुपम बाल विद्या मंदिर था । सुवह को प्रार्थना होती थी तब या तो मैं सबसे पीछे लगती थी या बीच लाईन में । क्योंकि प्रार्थना होने के बाद सबके नाख़ून और जूते कपड़े देखे जाते थे साफ हैं या नहीं । एक पेन्सिल के दो टुकड़े करके एक हमें और एक दीदी को दे दिया जाता था । पेन्सिल बना कर दी जाती थी क्योंकि कटर था नही, ब्लेड से बनाकर दे देते थे एक बार मैने अपनी पेंसिल अपने आप ब्लेड से बनायी तो हमारा हाथ कट गया और मैंन खून से अपनी पूरी कॉपी लाल कर दी और जब मैडम को पता चला तो उन्होने भी हमारी पिटाई कर दी मेरी फ्रेंड का नाम शोभा ऐण्ड प्रीती था । प्रीती क्लास की मानिटर थी बह कहती थी जब तुझे सब पता होता है तो क्यों नहीं बताती मै कहती मुझे डर लगता है अगर मैने कुछ गलत बताया तो मैडम मुझे मारेंगे इसी बजह से मैं नहीं बताती। एक बार मैं कलास में लेट पहुँची तो मैडम ने कहा कि हम तुम्हें पंखे से लटका कर मारेंगे हमने सोचा कि पंखा तो बहुत तज घूमता है तो हमे भी घूमना होगा । हम बहुत डर गये और रोने लगे मैडम बोली ठीक हैं अब लेट मत आना । दूसरे दिन हमने मामा जी से कहा कि मैडम बहुत खराब है हम स्कूल नहीं जायेगें तब मामा जी स्कूल छोड़ने ग्ये। मामा मुझे 25 पैसे देते थे जिसमे हम लेमन चूस और कबाब खा लेते थे। आया रोज सुबह को बुलाने आती थी और हमे स्कूल ले जाती थी ।
एक दिन हम और दीदी स्कूल जा रहे थे।तो हमारा बस्ता नाले में गिर गया और भीग गया तब दीदी स्कूल चले ग ई और हम घर आ गए तो मौसी बोलीं कि हम जानते हैं कि तुम स्कूल न जाने के कारण नाले में बस्ता डाल के आई हो जिससे स्कूल न जाना पड़े। हमारी किताबें दूसरे बैग में रखके हमें मामा स्कूल छोड़ आए और मामा ने बता दिया कि बैग गिर जाने के कारण यह लेट हो गई है।और हम मैडम की पिटाई से बच गए।