गलतफहमियां रिश्तो में दरार पैदा करती हैं, हम उतना कह क्यों नहीं पाते जितना महसूस करते हैं । किसी भी रिश्ते को बनाए रखने के लिये विश्वास और समर्पण अति आवश्यक है, रिश्तों में छुपाना नहीं जो भी दिल मे हो सब कुछ आमने सामने होकर अपनी बात को स्पष कह देना ही आवश्यक और लाभदायक है । दिमाग में अलग-अलग तरह के विचार होते हैं आप अलग अलग सोचकर अपने मन की शंकाओ को बढा लेते हैं उन्हें साथ बैठकर एक दूसरे के साझा करें और रिश्तों में गलतफहमियां ना आने दें ।
कोई भी व्यक्ति उतना नहीं कह पाता जितना महसूस करता है ऐसा क्यों होता है, क्यों हम खुद को खुली किताब बनाकर नहीं जीते, क्यों हम रिश्तों के प्रति समर्पित नहीं हो पाते ऐसा हम क्यों करते हैं ।
कोई भी व्यक्ति अकेला नहीं जी सकता , मनुष्य समाजिक प्राणी है उसे रिश्तों और संबंधों में रहकर ही जीना है, हम क्यो एक दूसरे के प्रति मन में कडवाहट रखते हैं और दूसरों के साथ उसे साझा करके रिश्तों में गलतफहमियां पैदा कर लेते हैं ।
पूरी प्रकृति में समर्पण भाव है सूरज हमें प्रतिदिन अपने प्रकाश जीवन दे रहा है, फूल हर तरफ तितलियों को अपना रस दे रहे हैं हर दिन नयी शुरुआत करते हैं और हर दिन धरती की गोद में खो जाते हैं , हर दिन सागर की लहरें किनारों से आकर टकराती हैं हर तरफ समर्पण भाव है ।
हर माँ अपने बच्चे के लिये स्वयं को समर्पित कर देती है अपनी सारी खुशियाँ अपने बच्चे से जोड़ देती है , हर पिता अपने परिवार के लिए अपना जीवन लगा देता है, तो क्यों हम अपने को सभी रिश्तों के प्रति इतनी ही सच्चाई और ईमानदारी से से समर्पित नहीं कर देते ।
रिश्ते बहुत खूबसूरत हो सकते हैं कोई भी व्यक्ति विश्वास और समर्पण के बल पर आपका सच्चा दोस्त बन सकता है ।
दोस्ती सबसे खूबसूरत रिश्ता है, दोस्ती में कोई शर्त नहीं होती, बाकी रिश्ते हमारी ज़रूरत भी होते हैं किन्तु दोस्ती एक ऐसा रिश्ता जो कभी किसी ज़रूरत के लिए बनता ।
गलतफहमियां सारे रिश्तों को बिखेर देती हैं , आज के समय में रिश्तों को बचाकर रखना काफी मुश्किल हो गया है, जरा जरा सी बात से रिश्ते टूट जाते हैं और बर्बाद हो जाते हैं , रिश्तों को समय दें अपनो को समझें, अपने रिश्तों में इतना विश्वास पैदा करें कि हम एक दूसरे को बिना किसी झिझक के अपने मन की सारी बातें एक दूसरे से कह सकें।
यह रिश्तों को बनाये रखने के लिये अति आवश्यक है