यदि आप सफल होना चाहते हैं या फिर आप चाहते हैं कि आपको पैसे की कोई कमी न रहे तो सबसे पहले आपको एक चीज पर ध्यान देना ही चाहिए, वह है- Personal Growth. इसे हम Self Improvement भी कह सकते हैं।
जीवन में आगे बढ़ने के लिए Personal Growth and Development सबसे जरुरी है।
हमसे सबसे बड़ी गलती यह हो जाती है कि हम अपनी सफलता और पैसों को हमेशा बढ़ते हुए देखना चाहते हैं। और अगर हमारे जीवन में Success Growth और Money Growth नहीं होती है तो हम परेशान हो जाते हैं।
परिणाम यह होता है कि हम जो सफलता और पैसा प्राप्त कर चुके होते हैं, उसका भी आनंद नहीं कर पाते।
हमें हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि Success Growth और Money Growth तभी संभव है जब हम अपनी Personal Growth अर्थात Self Improvement पर ध्यान दें।
जैसे जैसे हम खुद की ग्रोथ (Self Growth) करते जाते हैं वैसे वैसे हमारी सफलता और पैसा लगातार बढ़ता जाता है।
Personal Growth जहाँ होती है उसे हम अपना Inner World कहते हैं जबकि Success Growth जहाँ होती है उसे हम अपना Outer World कहते हैं।
आइये आपको एक उदाहरण से समझाता हूँ। जब भी हम कही घूमने जाते हैं तो पहले अपने मन में एक प्लानिंग करते हैं। हम यह प्लानिंग करते हैं कि हमें कब घूमने जाना है, कब लौट कर आना है, कहाँ जाना है, कैसे जाना है, क्या क्या लेकर जाना है आदि।
यह जो प्लानिंग हम करते हैं वह हम अपने Inner World में करते हैं। बाद में जब हम अपनी बनायीं गई प्लानिंग के हिसाब से घूमते हैं तब सभी घटनाएं आपके Outer World में हो रही होती हैं।
आपके Outer World में ठीक वैसा ही होता जाता है जैसा आपने अपने Inner World में प्लानिंग की थी और उस प्लानिंग के अनुसार एक्शन्स लिए थे।
आपके Success Growth के साथ भी यही होता है। जितनी आप अपनी Personal Growth (Inner World) को बढ़ाते जाते हैं उतनी ही आपकी Success Growth (Outer World) बढ़ती जाती है।
आइये अब आपको बताता हूँ कि व्यक्तिगत विकास क्या होता है? (What is Personal Growth) और व्यक्तिगत विकास को कैसे किया जा सकता है? (How can personal growth)
व्यक्तिगत विकास क्या होता है?
What is Personal Growth
पर्सनल ग्रोथ (Personal growth meaning) हमारे द्वारा अपनाये गए वह कार्य या तरीके हैं जिनके द्वारा हम अपनी-
1- क्षमताओं (Working Capabilities) में लगातार सुधार करते जाते हैं।
2- आदतों (Habits) में लगातार सुधार करते जाते हैं।
3- व्यवहार (Behavior) में लगातार सुधार करते जाते हैं।
4- क्रियाओं (Actions) में लगातार सुधार करते जाते हैं। और
5- प्रतिक्रियायों (Reactions) में लगातार सुधार करते जाते हैं।