Published Oct 28, 2020
2 mins read
462 words
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The Best Memoriable Journey Of My Life

Published Oct 28, 2020
2 mins read
462 words

वो दिन 22 नवम्बर 2016 का था, मैं सुबह से ही अपनी सारी तैयारी कर चुकी थी। ,मन में बड़ी खुशी थी मैं पहली घर से इतनी दूर अकेले जा रही थी । स्कूल उस दिन के लिये बन्द था ताकि हम लोग अपने जाने की अच्छे से तैयारी कर लें  । माँ ने बहुत कुछ मेरे लिये बनाया था नाश्ते में खाने के लिये और एक टाईम का खाना आलू, पूड़ीया और अचार पैक किया था । उन्होंने मेरे लिए मालपुये भी बनाए थे जैसे मुझे पसंद थे और उनके खराब होने के चांस कम थे बो काफी क्रंंची थे और इसिलिए वहाँ पहुँचते पहुँचते उनका चूरमा बन चुका था । 

हम लोग शाम के शायद 6 बजे तक स्कूल पहुँच गये सभी बच्चे आ चुके थे और सब कुछ रेडी था । स्कूल की सारी चीजों को सेट करने मे काफी टाईम लग गया और हम लोगों की बस 8 -9 के करीब टूर के लिये रवाना हुई । बहुत मजा आ रहा था मैं पहली बार इतनी लम्बी यात्रा पर थी । बस रास्ते में एक जगह रुकी बहाँ से पानी रख लिया और मूंगफलियां खरीदी गईं बो सभी बच्चों के लिये थी और फिर हमारी बस हमे लेकर एक लगातर लम्बे सफर के लिये निकल चुकी थी । 

सुबह हुई और हम लोग आगरे में थे हमने बहाँ "गुरु का ताल " नामक एक गुरुद्वारे में स्नान आदि किया और वहीं हमने भोजन ग्रहण किया । वहाँ की व्यवस्था बहुत ही सरहनीय है सब कुछ बहुत सुन्दर था । हम वहां से 10 बजे निकले और ताजमहल देखने पहुँचे , वहाँ काफ़ी विदेशी लोंगो से मिले और और उन्होनें हमारे साथ फोटोज साझा कीं । इसके बाद हमने वहाँ आगरे का किला , जहाँगीर महल और बुलंद दरबाजा देखा इसके बाद हम अपनी बस से मथुरा के लिये निकल पड़े । 

हम रात को मथुरा पहुँचे और वहीँ पर रुके। 

सुबह को खाने के लिए खिचड़ी टीचर और बच्चों ने मिलकर बनाई बो बड़ी ही टेस्टी बनी थी ।इसके बाद हम मथुरा कृष्ण जन्मभूमि देखने गये बहाँ भी बहुत मजा आया फिर हम और वृंदावन पहुँचे ।

रात हो गई थी मन्दिरों की लाईटे जल गई थी चारों तरफ भक्तिमय माहौल था,कृष्णा के भजन हर तरफ गूँज रहे थे । 

हम लोग प्रेम मंदिर में थे उसकी सजावट अवर्णनीय है । कृपालु जी के भक्त लोग कान्हा जी के भजनों पर ढोल नगाड़े बजाकर गा रहे थे और नृत्य कर रहे थे ।बहुत ही शानदार !

हमारा बचपना वहाँ भी कायम था थोड़ी देर मंदिर की फर्श पर लगे काले पत्थर पर चलते जो गर्म था और थोड़ा देर सफेद पर । ठंड से पैर सुन्न पड़ रहे थे ।

 हमें बहाँ बहूत अच्छा लगा ,स्कूल फ्रेंड्स और स्कूल टीचर्स के साथ वह हमारी पहली यात्रा थी जो जीवन भर ऐसे ही यादगार बनकर साथ रहेगी  । 

(ये मेरी व्यक्तिगत कहानी है पसंद आये तो कृपया लाइक अवश्य करें) 

 

 

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status.ringtone 4/25/21, 6:09 AM
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Awesome madam.. Please full Read my all posts and like follow back I'm a good liker and followers
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raswin007 5/10/21, 8:25 AM
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vaishubh 5/30/21, 5:27 PM
Nice blog👍🏻....Follow me and I will do the same if you want to🙂

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